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मोदी जीǃ दुखवा मैं कासे कहूूँॽ

समय की पुकार
समय की पुकार
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मोदी जीǃ मैं भी वाराणसी जिले का एक नागरिक हूँ। मैं जिस संसदीय क्षेत्र का निवासी हूूँ वह पहले वाराणसी संसदीय क्षेत्र का ही एक अंग था। लेकिन संसदीय चुनाव के तमाम ताम झाम और परिसीमन जैसी घटनाओं के चलते हब हम गत दो चुनावों से वाराणसी के होते हुये भी बनारस या वाराणसी के नहीं रह गये है। जब हमारे क्षेत्र का विधानसभा का परिसीमन हुआ था तब हमे ʺकोलअसलाʺ विधान सभा क्षेत्र के स्थान पर ʺपिण्डराʺ विधान सभा क्षेत्र की संज्ञा से विभूषित किया गया था और तब हम इस संतोष के साथ अपने को इस क्षेत्र के नाम को ʺमन मसोसकरʺ अंगीकार कर लिये थे कि चलों नाम बदलने से क्या हुआ हैं तो अपने वाराणसी के ही। लेकिन मोदी जीǃ अबकी बार हमे यह नाम भी नहीं मिला और हमें बनारसी होत हुये भी ʺगैर बनारसीʺ बना दिया गया क्येांकि गत दो संसदीय चुनावों से हम गैर जिले ʺजौनपुरʺ के हो गये और हमारा नाम और क्षे़त्र दोनों बदल गया । हम ʺकोलअसलाʺ या ʺवाराणसी संसदीय क्षेत्रʺ की जगह ʺमछलीशहरʺ संसदीय क्षेत्र के नाम से जाने जाते हैं। जो अपने नये नाम के साथ ही अपनी पूर्व पहचान ʺसामान्य ʺ क्षेत्र की जगह ʺसुरक्षित ʺ हो गये है। हमारा संसदीय क्ष्‍ोत्र भले ही सुरक्षित हो गया हो लेकिन हम अपने को एकदम से ʺअसुरक्ष्‍िाʺ महसूस करने लगे हैं। पहले हमने सोचा था कि जैसे नौकरियेां आदि में सुरक्ष्‍िात सीट होने की वजह से जो आरक्षण का लाभ लोगों को मिलता है और लोग अपने को सुरक्ष्‍िात रहना ज्यादा पसंद करते हैं वैसा हम लोगों के साथ भी होगा लेकिन अब जाकर पता चला है एसा कुछ भी न है न होने वाला है।
मोदी जीǃ सच कहूं तो पिछली बार जब चुनाव हुये थे हम लोगों को कुछ खास आशा नहीं थी कि सुरक्षित और असुरक्ष्‍िात होने का कोई लाभ हानि होगा। लेकिन जब पिछली बार आप के नेतृत्व में चुनाव लडा गया और आप खुद बनारस के उम्मीदवार बने तो हमारी उम्मीदों को पंख लग गये। और जब आप भारी बहुमत से चुनाव जीते तो फिर हमारी उम्मीदें सातवें आसमान पर पहुुच गयीं। चलों अब तो हमारे भी दिन बहुरने वाले हैं।लेकिन यह उम्मीद तब काफूर हो गयी जब लोगो ने यह कहना शुरू कर दिया कि मोदी जी का क्षेत्र बनारस है न कि मछलीशहर। मछलीशहर तो तब भी बनारस का होते हुये भी नहीं था अब भी नहीं है। हम जौनपुर क्षेत्र से सटे होने के का दुख अब महसूस करने लगे है। हालांकि हम अब भी वाराणसी के ही एक अंग पिण्डरा के विधान सभा क्ष्‍ोत्र के हैं लेकिन अब हमारे विधायक भी अापकी पार्टी के नहीं रह गये। जब कि पहले उन्होने अपने आप को पार्टी का एक निष्ठावान कार्यकर्ता बताया था और कभी कहा कि ʺहमारी लाश भी भाजपा के झंडे मे ही निकलेगीʺ। लेकिन समय का फेर है और व अब भाजपा को ही लाश के रूप में देखना चाहते है। और उन्हें अब लगता है कि अपने क्षेत्र से कोई लगाव नहीं रह गया है। इसीलिए तो उनका अधिकांश समय ʺआपके अच्छे दिन आने वाले है ʺ के नारे को व्यंगात्मक टिपपडी के साथ शहर मे घूम घूम कर कहते और सुनते देखा जा रहा है।
आदरणीय मोदी जीǃ मेरा क्ष्‍ोत्र बाबतपुर वहीं क्षेत्र है जहां जब आप दिल्ली से उडनचखटोले पर उड कर आते हैं तो सबसे पहले हमारे ही घर के उपर से होते हुये आते हैं और अपने संस्दीय क्षेत्र की ओर प्रस्थान करने के पहले हमारे क्षेत्र की धरती पर अापके उडनखटोले और आप के पांव पडते है। यह वहीं बाबतपुर हवाई अड्डा का क्षेत्र है जहां इस हवाई के विस्तार के लिए अापकी पार्टी के द्वारा शाससित तब की उत्तर प्रदेश की माननीय राजनाथ सिंह की सरकार के मुख्यमंत्रित्व की सरकार थी और किसानों की जमीन के बदले उन्हें गोलियां मिली थी ओर एक किसान काल की गाल में समा गया था। आज भी यहां के किसान आपके भूमि अधिग्रहण के अध्यादेश से भयभीत हैं और तब के आप की पार्टी के और अब के कांग्रेस के विधायक माननीय अजय राज जी किसनों के इसी भय और आक्रेाश का फायदा उठाना चाहते है। और इसके लिए हर संभव कोशिश कर रहे है।
मोदी जीǃ जब भी सुना जाता है या अखबारों और टेलिविजन पर सुना जाता है कि मोदी जी के संसदीय क्षेत्र में जापानी कंपनी काफी कुछ काम करने वाली है ओर काम कर भी रही है तो हमे अपने आप को सय समझाने पर मजबूर होना पडता है चलों हम भी भले ही ʺ मछलीशहरʺ के निवासी हैं लेकिन हमारा सांसद भी तो मोदी जी की ही पार्टी का है। लेकिन तभी जब पास वाला कोई नागरिक विरोधी न होते हुये भी जब विराध स्वरूप यह कहता है कि ʺ रामचरित्र निषादʺ जी मछलीशहर नाम के अनुरूप गत एक साल से मछली ही तो मार रहे हैं । क्या उन्हाेने कभी पटल कर मंगारी बाजार या बाबतपुर क्ष्‍ोत्र में आयेॽ जबाब क्या दूं। जबाब तो उत्तर प्रदेश के राज्यपाल माननीय रामनाइक जी ने गत महीने महाराष्ट्र के मंत्री मामनीय विद्‍याठाकुर जी के मूल गांव मानी में आयोजित एक कार्यक्रम में निषाद जी के देर आने पर चुटकी लेते हुये कह दी थी कि ʺअरे भाई यह तो इनका क्षेत्र है तो यहां तो देर से आयेगें ही।ʺ फिर यह सोच कर कि चलों शायद कभी मोदी जी उन्हें यह नेक सलाह देगें कि कम से कम अपने क्ष्‍ोत्र पर घ्यान दें नहीं तो पांच साल के बाद हो सकता है कि मछलीमारने के लिए जनता हमेशा के लिए ही अवकाश दे दे।
मोदी जीǃ बाते तो बहुत सी और बहुत ही लंबी लंबी करनी है और मेरे मन की बात आपके मन की बात से भी मिलती जुलती है लेकिन यहां न तो बिजली साथ देती है न ही पानी। अब देखिये न उत्तर प्रदेश की बिजली भी निगोडी को अभी ही जानी थी । अब तो यहीं कहना है कि जब आप बनारस के बारे में कुछ सोचिये तो बाबतपुर और आस पास के पिण्डरा विधान सभा क्षेत्र के बारे में भी कुछ सोचिये । यहां बाबतपुर रेलवे स्टेशन जो बाबतपुर हवाई अड्डे से मात्र दो किलो मीटर दूर है और इसकी बाउंड्री रेलवे स्टेशन से मात्र एक फर्लांग दूर है वहां कुछ सुविधाएं अपने रेल मंत्री जीे अवश्य दिलवा दिजीए। जिसमें कम से कम एक सर्वसुविधा युक्त रेलवे स्टेशन और एक आेवरबृज का निर्माण करा दिजीए ताकि ट्रेनों के आगमन के समय किसी प्रसूता की प्रसव पीडा के कारण असमय मौत् न हो जाये। हम अपने मन की बात आपसे फिर कभी शेयर करेगें पहले आप हमारी समस्याओं को अपने मछलीशहर के सांसद और अपने मंत्रियों और अपने अधिकारियों से शेयर करियें ताकि हम जब भी भविष्य में अपने मन की बात अाप से शेयर करें तो उसमें दम हो। जय हिन्द जय भारत।

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